क्रिप्टो करेंसी :
क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल तथा वर्चुअल (आभासी) मुद्रा है जो ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी आधारित एक विकेंद्रित नेटवर्क की डिजिटल खाता-बही पर कार्य करती हैं।
इसके लिए किसी तीसरे पक्ष की जरूरत नहीं है अर्थात सरकारी नियंत्रण से मुक्त हैं उदाहरण के लिए बिटकॉइन।
वैश्विक समाज पर क्रिप्टोकरंसी का असर
क्रिप्टो करेंसी पर सेंट्रल बैंक का नियंत्रण नहीं होता हैं, जिससे इसको रेगुलेट करना आसान नहीं हैं।
क्रिप्टो करेंसी के मूल्य में उतार-चढ़ाव बहुत हैं।
आतंकवादी, तस्कर इसका पेमेंट के रूप में गलत उपयोग कर सकते हैं।
अभी विश्व व्यापार के लिए डॉलर को मुख्य मुद्रा माना जाता हैं, क्रिप्टोकरंसी के कारण इस पर खतरा मंडरा रहा हैं।
क्रिप्टोकरेंसी बनाने में कुछ बिजली की ज्यादा खपत होती है जिससे पर्यावरण प्रदूषण होता हैं।
क्रिप्टोकरेंसी के ट्रांजैक्शन को ट्रैक कर सकते हैं, जिससे सामाजिक उत्थान के लिए दी जाने वाली सब्सिडी सही हाथों में पहुंचा सकते हैं।
भारतीय समाज पर असर
क्रिप्टोकरेंसी का समाज पर सकारात्मक तथा नकारात्मक दोनों प्रकार का असर पड़ता हैं।
क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन फास्ट होते हैं। गरीबी मिटाने के लिए दी जाने वाली सब्सिडी को क्रिप्टोकरंसी की मदद से सही व्यक्ति तक पहुंचा सकते हैं।
क्रिप्टोकरेंसी रेगुलेट नहीं है जिससे युवा लोग जल्दी अमीर होने के चक्कर में इस ओर ज्यादा आकर्षित हो रहे,
जिससे उनके साथ धोखाधड़ी होने का खतरा है।
क्रिप्टो करेंसी वॉलेट की प्राइवेट चाबी भूल जाने पर क्रिप्टो को दोबारा प्राप्त नहीं कर सकते हैं।
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