Blockchain technology क्या है :-
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Blockchain technology : – एक blockchain कई ब्लॉकों की एक श्रंखला होती है और इसमें एक ब्लॉक के साथ नई ब्लॉक को जोड़ा जाता है तथा ब्लॉकों में समय के साथ सूचनाओं या डाटा को जोड़ा जाता है।
प्रत्येक ब्लॉक में एक क्रिप्टोग्राफिक हैश, एक टाइम स्टैम्प और लेन-देन का डाटा होता है। हैश के साथ ब्लॉकों को एक साथ रखने से ब्लॉकों की एक श्रंखला बनती है जिसे ब्लॉकचेन कहते हैं।
यह एक डिजिटल लेजर है जिसमें डेटा को डिजिटल रूप में रख सकते हैं।ब्लॉकचेन नेटवर्क में कोई सेंट्रल सर्वर या एडमिन नहीं होता है, यह P2P नेटवर्क (Peer – to – Peer) द्वारा प्रबंधित किए जाते हैं।
“P2P नेटवर्क में कोई सेंट्रल सर्वर या एडमिन नहीं होता है, कोई उपयोगकर्ता किसी सहकर्मी के साथ सूचनाओं का आदान-प्रदान करना चाहता है तो वह इसे सीधे प्राप्तकर्ता को भेज सकता है बिना किसी केंद्रीकृत प्रणाली से गुजरे ।” |
बिटकॉइन एलिप्टिक कर्व डिजिटल सिग्नेचर एल्गोरिथ्म ( ECDSA) डिजिटल हस्ताक्षर ऑफ सॉफ्टवेयर योजना का उपयोग करता है। यह एक वन-वे व्यवस्था है जिसमें एक बार ब्लॉकचेन पर डाटा रक्षित करने के बाद उसमें छेड़छाड़ नहीं कर सकते हैं।
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में ट्रांजैक्शन, वॉलेट से वॉलेट में होता है तथा प्रत्येक वॉलेट की एक प्राइवेट चाबी तथा एक पब्लिक चाबी होती है।
Public key:-
सार्वजनिक कुंजी (Public key) जैसे ईमेल एड्रेस या बैंक अकाउंट नंबर होता है वैसे होती है। सार्वजनिक रुप से अवेलेबल है।
Private key :-
प्राइवेट चाबी एक कंप्यूटरजनित ब्लॉकचेन वॉलेट द्वारा बनाया गया एड्रेस का पासवर्ड है, जिसके द्वारा हम क्रिप्टोकरेंसी लेन-देन कर सकते हैं तथा सॉफ्टवेयर इस कुंजी के साथ लेन-देन पर हस्ताक्षर कर देता है जिससे पूरे ब्लॉकचेन नेटवर्क को सूचना चली जाती है कि इस एड्रेस पर लेनदेन का आपको अधिकार है।
यह एक गुप्त कुंजी है जो वॉलेट के मालिक के पास होती है हमें वॉलेट के द्वारा 12 गुप्त बीज शब्द मिलते है, जिनके द्वारा हम अपने वॉलेट की सभी निजी कुन्जीयो (Private key) को भूल जाने और खो जाने पर पुनः प्राप्त कर सकते हैं।
हम Private key से Public key पर जा सकते हैं लेकिन पब्लिक key से प्राइवेट key नहीं प्राप्त कर सकते हैं।
हम एक उदाहरण से ब्लॉकचेन पर ट्रांजैक्शन को समझते हैं :-
एक व्यक्ति है जिसका नाम बाबू है, उसके पास 100 रुपये हैं वह उन 100 रुपये को राजू को देना चाहता है तो वह उन 100 को राजू के खाता नंबर पर बैंक में जमा कर आएगा। बैंक राजू के खाता नंबर को वेरीफाई करेगी सही होने पर राजू के बैंक खाता में 100 रू. जमा हो जाएंगे।
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में यही ट्रांजैक्शन इस प्रकार होता है बाबू अपने ब्लॉकचेन वॉलेट की पब्लिक चाबी जो कि एक डिजिटल सिगनेचर हैं, से राजू की पब्लिक कुंजी पर एक मैसेज लिख कर उसे ब्लॉकचेन नेटवर्क में भेजने का संदेश देता है।
नेटवर्क के कंप्यूटर विशेष गणितीय गणनाओं को कर राजू की सार्वजनिक कुंजी पर वह मैसेज भेज देते हैं। राजू अपनी वॉलेट की व्यक्तिगत कुंजी से वॉलेट खोल कर उस मैसेज को पढ़ लेता है।
इस सिस्टम में नेटवर्क के बाकी लोग संदेश भेजने में सहायता तो करते हैं लेकिन संदेश में क्या लिखा है यह नहीं जान सकते अर्थात संदेश को बाबू तथा राजू ही जानते हैं तथा नेटवर्क के बाकी लोग वॉलेटो को जानते हैं उनके मालिकों को नहीं जानते हैं।
माना कि एक व्यक्ति है श्याम जिसके ब्लॉकचेन वॉलेट में एक Bitcoin है श्याम इस 1 बिटकॉइन को बाबू को भेजना चाहता है श्याम अपने वॉलेट की प्राइवेट कुंजी से अपना वॉलेट खोलेगा तथा बाबू के ब्लॉकचेन वॉलेट के सार्वजनिक कुंजी को लिखकर भेज देगा।
ब्लॉकचेन नेटवर्क कंप्यूटर एड्रेस वेरीफाई कर बाबू के वॉलेट में भेज देते हैं बाबू अपने वोल्ट की प्राइवेट कुंजी से वॉलेट खोलकर जांच कर लेता है।
अब इस बिटकॉइन का मालिक बाबू है जो उसे आगे राजू की पब्लिक कुंजी पर भेज देता है। अब इस 1 बिटकॉइन का मालिक राजू है तथा इस 1 बिटकॉइन पर राजू के डिजिटल हस्ताक्षर होंगे।
इस 1 बिटकॉइन का पिछला मूल्य क्या था या इससे पहले किस ब्लॉकचेन वॉलेट में था यह हम ब्लॉकचेन पर चेक कर सकते हैं।पूरा लेन-देन ब्लॉकों की एक श्रंखला पर होता है जिसमें नए ब्लॉक डाटा के साथ-साथ पिछले ब्लॉक का हैश पॉइंटर सूचक के रूप में होता है।
किसी भी एक ब्लॉक के डाटा व हैश पॉइंटर के साथ परिवर्तन होता है तो ट्रांजैक्शन अमान्य हो जाता है।
The benefit of blockchain technology
1.परंपरागत बैंकिंग सिस्टम बहुत धीमा है तथा बहुत जगह चेक होने के बाद सेटलमेंट होता है तथा डाटा सेंट्रलाइज होने के कारण बैंक के मुख्य कर्मचारी डाटा के बारे में जानते हैं जिससे करप्शन का भी खतरा रहता है।
लेकिन ब्लॉकचेन सिस्टम बहुत फास्ट है इसमें घंटों के काम 1 से 10 मिनट में हो जाता है तथा यह कि डिसेंट्रलाइज है जिससे डाटा सार्वजनिक रूप से उपस्थित है उनको कोई भी उपयोगकर्ता चेक कर सकता है।
2.ब्लॉकचेन सिस्टम पारदर्शी है इसमें ग्रुप के सभी सदस्य ट्रांजैक्शन डाटा को देख वह चेक कर सकते हैं डाटा एक बार रिकॉर्ड होने के बाद परिवर्तन करना असंभव है।
3.ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी स्मार्ट कांटेक्ट पर काम करती है जो कंप्यूटर प्रोग्राम है, जो अपने आप कंप्यूटर द्वारा किया जाता है।
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी की कमियां । Demerits of blockchain
1.ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में विद्युत की खपत बड़ी मात्रा में होती है जो कि पर्यावरण के लिए नुकसानदायक है।
2.ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी वर्तमान के ट्रांजैक्शन माध्यम से तो सुरक्षित है लेकिन 100% सुरक्षित नहीं है।
3.ब्लॉकचेन में रेगुलेशन होना बहुत जरूरी है।
4.आतंकवादी विचारधारा के लोग ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का गलत इस्तेमाल कर सकते हैं।
5.ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में फंड की जिम्मेदारी उपयोगकर्ता की स्वयं की रहेगी प्राइवेट कुंजी खो जाने या भूल जाने पर फंड का नुकसान होने का खतरा रहता है।
Metaverse क्या है और इससे क्या लाभ है ?
Use case of blockchain technology
1.Cross border payment : – एक देश से दूसरे देश में ब्लॉकचेन के माध्यम से तीव्र गति से तथा सुरक्षित पेमेंट कर सकते हैं।
2.Government subsidy : – ब्लॉकचेन के माध्यम से गवर्नमेंट द्वारा दी जा रही सब्सिडी को योग्य लोगों तक पहुंचा सकते हैं तथा बीच में होने वाले भ्रष्टाचार को रोक सकते हैं।
3.Land reform : – ब्लॉकचेन पर जमीन की रजिस्ट्री को लाकर जमीनी विवाद को रोक सकते हैं तथा उसकी मालिक के नाम दर्ज कर सकते हैं।
4.Decentralized finance : – बैंकिंग सिस्टम को ब्लॉकचेन पर लाकर बैंकों में होने वाले घोटालों को रोक सकते हैं।
5.Content ownership : – ब्लॉकचेन सिस्टम पर आर्टिस्ट अपने कार्य को दर्ज कर उसकी मालिकाना हक पुख्ता कर सकते हैं। ब्लॉकचेन पर एनएफटी गेम लिटरेचर आदि बना सकते हैं।
6.School Certificate : – स्कूल सर्टिफिकेट और परीक्षा परिणाम ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर लाकर उसमें होने वाली छेड़छाड़ तथा फर्जी डिग्रियों को रोक सकते हैं।
7. Insurance Sector
8. voting system
9. courier services
FAQ
POW और POS सिस्टम क्या है?
POW : – प्रूफ ऑफ वर्क, ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी सिस्टम का एक भाग है, जिसमें नेटवर्क के सहभागी जो कंप्यूटेशनल गणितीय गणनाओ और पहेलियों को हल कर कोइन (coin) का खनन करते हैं उन्हें खनन हुए सिक्कों में से कुछ हिस्सा उनके कार्य के आधार पर उन्हें किया जाता है इससे प्रूफ ऑफ वर्क (POW) कहते हैं।इस कार्य में विद्युत की बहुत बड़ी मात्रा में जरूरत होती है।
POS : – प्रूफ ऑफ स्टेक, इस अवधारणा के अनुसार जिस व्यक्ति के पास जितने अधिक सिक्के होंगे उसके पास खनन शक्ति उतनी अधिक होगी अर्थात जितने अधिक कॉइन आप अपने पास जमा रखेंगे आपको उतने अधिक नए कॉइन मिलेंगे।
ब्लॉकचेन पर ट्रांजैक्शन कैसे देखें ? how can I see look up transactions on the blockchain?
बिटकॉइन ट्रांजैक्शन को देखने के लिए आपको https://www.blockchain.com/explorer पर जाना होगा जिस बिटकॉइन एड्रेस के ट्रांजैक्शन देखनी है उसका एड्रेस या ब्लॉक नंबर आदि ऊपरी दाएं ओर सर्च बार में लिखकर सर्च करें और आप उस एड्रेस पर जितने भी ट्रांजैक्शन हुए उनको देख सकते हैं।
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