( बिटकॉइन क्या है , बिटकॉइन हाल्विंग , बिटकॉइन के लाभ , बिटकॉइन से हानियां , बिटकॉइन कैसे खरीदें )
सतोशी नाकामोटो नाम के गुप्त व्यक्ति या समूह ने बिटकॉइन नाम का सॉफ्टवेयर और श्वेत पत्र जारी किया सतोशी नाकामोटो 2010 से गायब है।
बिटकॉइन एक डिजिटल करेंसी या एसेट है। Bitcoin से पहले भी डिजिटल कैश के प्रारूप पर DigiCash , B- Money आदि कंपनिया कार्य कर रही थी लेकिन वह सेंट्रलाइज थी।
बिटकॉइन ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर कार्य करता है तथा यह डिसेंट्रलाइज है। इस को नियंत्रण करने वाला कोई केंद्रीय बैंक नहीं है।
यह पहली क्रिप्टो करेंसी है तथा कंप्यूटरों द्वारा चलाई जाती है। इसमें डिजिटल केस का लेनदेन किसी भी समय तथा कहीं से भी किया जा सकता है।
How does Bitcoin work? (बिटकॉइन कैसे काम करता है)
Table of Contents
बिटकॉइन ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर कार्य करता है इसमें Peer- to- Peer नेटवर्क के द्वारा लेनदेन होता है तथा नेटवर्क सहभागियो को इसकी प्रतिलिपि भेज दी जाती है। सहभागी Etherscan पर जाकर इसकी सत्यता की जांच कर सकते हैं।
Bitcoin को विश्व में इंटरनेट कनेक्शन वाला कोई भी व्यक्ति कहीं भी स्थानांतरित कर सकता है इसके लिए किसी भी तीसरे पक्ष अनुमति नहीं लेनी पड़ती है यह इसकी सबसे बड़ी खासियत है।
What is bitcoin halving? (बिटकॉइन हाल्विंग क्या है)
बिटकॉइन की कुल आपूर्ति 21 मिलियन है। 210,000 ब्लॉको पर हाल्विंग होती है। बिटकॉइन हाल्विंग में बिटकॉइन माइनिंग करने वाले माइनरों को दिए जाने वाले इनाम को 2 से विभाजित किया जाता है अर्थात रिवॉर्ड आधा हो जाता है। यह हर 4 वर्ष के बाद होता हैं।
पहली हाल्विंग 28 नवंबर 2012 को हुई जब ब्लॉक रिवार्ड 50 btc से घटाकर 25 btc कर दिया गया। दूसरी हाल्विंग 9 जुलाई 2016 को हुई तब ब्लॉक रिवार्ड 25 btc से घटाकर 12.5 btc हो गया।
तीसरी हाल्विंग 11 मई 2020 को हुई अब सब्सिडी रिवार्ड 12.5 से घटकर 6.25 btc हो गया है।
Why is the value of bitcoin rising? (बिटकॉइन का मूल्य क्यों बढ़ रहा है)
बिटकॉइन एक decentralised , secure तथा सेंसरशिप विरोधी है इसकी एक निश्चित कॉन्टिटी है।
सीमित आपूर्ति से यह लाभ है कि मुद्रा की वैल्यू गिरती नहीं हैं, 2020 तक 90% बिटकॉइन का खनन हुआ हैं।
इसके लेन-देन में व्यक्ति को अपनी पहचान बताना जरूरी नहीं हैं, इसलिए लोग इसको डिजिटल गोल्ड के रूप में देखते हैं तथा इसको होल्ड करते हैं अतः इसका मूल्य बढ़ रहा हैं।
Advantages of bitcoin (बिटकॉइन के फायदे)
(1) यहां ट्रांजैक्शन फीस बहुत कम है।
(2) बिटकॉइन को दुनिया के किसी भी कोने में आसानी से तथा कम समय में भेजा और प्राप्त किया जा सकता हैं।
(3) यह डिसेंट्रलाइज्ड है अर्थात किसी बैंक या तीसरे पक्ष का नियंत्रण नहीं हैं।
(4) इसकी क्वांटिटी सीमित है अतः आपके लॉन्ग टर्म निवेश पर लाभ अधिक होगा।
(5) इसमें ट्रांजैक्शन होने पर रिवर्स नहीं जा सकते अतः धोखाधड़ी होने का खतरा बहुत कम हैं।
Disadvantages of bitcoin (बिटकॉइन के नुकसान)
(1) बिटकॉइन एक डिसेंट्रलाइज करेंसी है इस पर किसी सेंट्रल बैंक का कंट्रोल नहीं है अतः सरकारों के लिए इसे रेगुलेट करने में समस्या हो रही हैं।
(2) आतंकवादी , तस्कर और देश विरोधी तत्व बिटकॉइन का गलत उपयोग कर धन का लेनदेन कर सकते हैं और पकड़े भी नहीं जाएंगे।
(3) bitcoin mining में अधिक बिजली का उपयोग होता हैं। बिजली बनाने में कोयले की खपत बढ़ रही हैं , जिससे पर्यावरण प्रदूषण बढ़ रहा हैं।
(4) बिटकॉइन वॉलेट की private key या पासवर्ड भूल जाने या गुम हो जाने पर फंड को पुनः प्राप्त करना मुश्किल हैं।
How to buy Bitcoin (बिटकॉइन कैसे खरीदें)
अभी हाल ही के समय में बिटकॉइन की प्रसिद्धि बढ़ी हैं। भारत में भी युवा लोग इस और ज्यादा आकर्षित होकर भविष्य में अच्छे रिटर्न के लिए बिटकॉइन में इन्वेस्ट कर रहे हैं।
भारत में बिटकॉइन खरीदने के लिए लोग मुख्यतया Wazirx exchange का उपयोग करते हैं।
कुछ नए एक्सचेंज जैसे zebpay , Unocoin , Bitbns , CoinDCX etc. पर भी बिटकॉइन की खरीदारी हो रही हैं।
आप बैंक या Mobokwik wallet से Wazirx वॉलेट में रुपए ट्रांसफर कर उससे बड़ी आसानी से बिटकॉइन खरीद सकते हैं।
Binance exchange पर क्रेडिट और डेबिट कार्ड से बिटकॉइन खरीद सकते हैं।
निष्कर्ष :-
बिटकॉइन एक डिसेंट्रलाइज करेंसी है तथा जो ब्लॉकचेन पर कार्य करती हैं तथा इसकी ट्रांजैक्शन फीस बैंक, क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड की तुलना बहुत कम हैं।
इसमें धोखाधड़ी होने का खतरा बहुत कम हैं।
भारत सरकार भी इससे जुड़े खतरों को देखकर इसे रेगुलेट करने का बिल ला रही है अतः बिटकॉइन में इन्वेस्ट सोच समझकर तथा अपने रिस्क पर करें।
आशा है इस लेख ने बिटकॉइन के बारे में आपके ज्ञान में वृद्धि की होंगी।
6 thoughts on “What is bitcoin & how it work ?”